कलम और लेखक
🌹🌹नजरिया 🌹🌹
मैं एक गृहणी हूँ। कभी कभी कागज के पन्नो में अपने जज़्बात को लिख देती थी। पन्ने इधर-उधर हो जाते थे। कुछ को ये सोच छुपा देतीं थीं कि कोई क्या सोचेगा।
फिर मैंने अपने दोस्तों के लिए लिखा सबके मन को बहुत लुभा गया।
जो भाव मेरे मन में उनके प्रति आए मैंने कागज़ पर उतार दिये ।यही से मेरी नई शुरुआत हुई।
फिर मिला लेखनी का साथ। हम दोनों हमसफ़र बनें साथ चलने लगें। जब पहली समीक्षा आई ।कि आपने सच्चाई की दोस्ती कलम से करा दी। तो ये पढ़कर नई आशाएं उत्पन हुई।
नयें नये टापिक आने लगे लिखने मे आनंद मिलने लगा। जो कभी सोचा नहीं वह भी लिखने लगी।
लेखकों और मेरी कविताओं को पढने वाले सभी मेरे समर्थकों के साथ से मैं आगे बढ़ने लगी।
कभी प्यार में कभी आसमान में कभी वास्तविकता का सामना कर पंख लगा कर उड़ान भरने लगीं। नये नये शब्दों में घिर कर
नये नये ख्वाव बुनने लगीं।
लेकिन मेरे शब्दों से कोई आहत ना हो और ऐसे शब्द जिन्हे पढ़कर मैं ही निगाह नीचे कर लूँ। इस बात का आकलंन कर अपने एहसास पिरोने लगी।
अब तो ये सपना है बस यह सफ़र जारी रहे। मेरे विचारो को पढ़े समझें सही या गलत मुझे बताएं।
अपनी आलोचनाओ और समीक्षा से मेरा साहस और विश्वास बढाये।
एक लेखक की कलम क्या चाहती है।
कैसे बयाँ करूँ।
शब्दों के सागर में कैसे ।
उनसे मै मिलूं।
आसमान में उडूं ।
कभी मिट्टी की खुशबू सुंघु।
सच्चाई से नज़र मिलाकर।
इंकलाब ले आऊँ।
कल्पनाओं की उड़ान से।
मै जो चाहूँ पा जाऊँ।
लेखन की प्रतिभा का ।
बहुत फैला है विस्तार।
मैं उसकी चरण धूली हूँ।
इसमें शामिल है मेरे।
मामूली तुच्छ विचार।
(नीलम गुप्ता)
Sonali negi
03-Jun-2021 03:11 PM
Nice
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Shilpa modi
02-Jun-2021 01:45 PM
शानदार
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Seema Priyadarshini sahay
02-Jun-2021 12:31 PM
सही लिखा मैम,👌👌
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